एक अच्छे वकील(advocate) का चयन करना बहुत ज़रूरी है |अगर आप का कोई भी केस चल रहा है चाहे वो निचली अदालत (District Court) में हो या फिर हाई कोर्ट(High Court) में हो ,और आप अपने केस को जीतने के लिए कोई अच्छा वक़ील(Advocate) करना चाहते है ,तो आप कैसे पता कर सकते है कि कोई भी वकील किस क्षेत्र में अच्छा है ,कौन सा वकील आप को केस में जीत दिला पाएगा |
कई केस में देखा गया है कि क्लाइंट के केस में दम नहीं है ,या फिर उसके पास अपनी बात को साबित करने के लिए कोई भी सबूत नहीं है ,उस केस में भी आप एक अच्छा ,समझदार वकील(Advocate) कैसे चुने | इस ब्लॉग में हम आप को 10 तरीक़े बतायेंगे जिससे की आप को अपने केस के लिये एक अच्छा वकील(Advocate) करने में मदद मिलेगी |
1- उम्र (Don’t Judge an advocate from his age)- आप कभी भी ये सोच कर किसी वकील(Advocate) का चयन ना करे कि इन वक़ील(Advocate) साहब की उम्र ज़्यादा है तो इनको ज़्यादा ज्ञान होगा ,और ये मेरा केस अच्छे तरीक़े से लड़ेगे ,क्योंकि कोर्ट में बहुत से लोग अपनी नौकरी (Government/Private) नौकरी को पूरा करने के बाद वकालत शुरू करते है | उनकी उम्र ज़्यादा है लेकिन वकालत के क्षेत्र में वो अभी नये है | उनको क़ानून का ज्ञान कम है |
दूसरी तरफ़ अगर कोई लड़का/लड़की ने अपनी प्रैक्टिस 24-25 की उम्र में शुरू की और उसको वकालत करते हुए | 8-10 साल हो गये है इस केस में नए वकील(Advocate) को क़ानून के बारे में ज़्यादा ज्ञान होगा |
अगर आप उम्र देख कर अपना वक़ील(Advocate) चुनते हैं तो आप का केस ख़राब हो सकता है |
2- नामांकन संख्या(Enrolement Number)- कोई भी व्यक्ति अगर वकील(Advocate) बनता है तो उसको अपना नामांकन करवाना पड़ता है ,जहां पर उसको प्रैक्टिस करनी है ,निचली अदालत(District Court)/हाई कोर्ट(High Court) में उसको नामांकन करवाना पड़ता है |
नामांकन(Enrolement) तीन पार्ट में होता है जैसे –UP00001/2024 आगे के शब्द उसके स्टेट को दिखाते है कि कहा पर उसका नामांकन हुआ है उसके बाद उसका सीरियल नंबर और अंतिम में किस साल में वो एनरॉल हुआ है |
इस नामांकन संख्या(Enrolement Number) से आप ये पता लगा सकते है कि वो वकील(Advocate) कब बने थे और उनकी प्रैक्टिस कितनी पुरानी है |
3- विशेषज्ञ(Specialist)- आगर आप अपना केस किसी भी वकील(Advocate) को देने जा रहे है तो ये बात ध्यान में रखे की वकील(Advocate) कई प्रकार के होते है ,जैसे कोई क्रिमिनल ,सिविल,टैक्स,जीएसटी,लेबर लॉ,ह्यूमन राइट्स ,हर वक़ील(एडवोकेट) हर फील्ड में एक्सपर्ट नहीं हो सकता है ,वो केवल एक फील्ड में ही एक्सपर्ट होगा |
आप को अपने केस में देखना है जिस वकील(Advocate) को आप अपना केस देने जा रहे है वो इस फील्ड में एक्सपर्ट है कि नहीं ,अगर वो इस तरह के केस पहले भी कर चुके होगे तो केस का फ़ैसला आप की तरफ़ आने की गुंजाइश ज़्यादा रहेगी |
4-ज्ञान(Knowledge)- जब भी आप किसी वकील(Advocate) के पास जाते है तो ये जानने की कोशिश करे कि उनको आप के केस के बारे में ज्ञान है कि नहीं जैसे आप उनको अपने केस के बारे में बताये उनसे पूछे की इस केस को आप कैसे हैंडल करेंगे | हमारे पास क्या सबूत होने चाहिए कौन से ज़रूरी डॉक्युमेंट्स होने चाहिए ,इस तरह के केस में अगर कोई पहले से जजमेंट आया है तो आप उसको भी बता सकते है |
आप इस बारे में पहले से ही पढ़कर जाये और अपने वकील(Advocate) से इस बारे में बातचीत करे जिससे की आप को पता चल जायेगा कि ,वक़ील(Advocate) को इन सब की नॉलेज है कि नहीं ,जिसको आप अपना केस देने जा रहे है |
5-स्टेटस(Status) – अगर आप किसी भी वकील(Advocate) के पास आप जाते है ,तो आप उनके स्टेटस को देख कर ये अंदाज़ा लगा सकते है कि उनकी वकालत चलती है की नहीं जैसे उनके पास कितने जूनियर है ,कितने मुंशी है ,ऑफिस कैसा है ,उनके चैम्बर में कितनी फाइल है | उनके पास समय है कि नहीं क्योंकि अच्छे वकील के पास ज़्यादा काम होने की वजह से समय नहीं होता है |
हलाकि ये चीज़ हर बार सही नहीं होती है क्योंकि बहुत से लोग और भी बहुत काम करते है और वो वकील(Advocate) केवल सामाजिक सुरक्षा के लिए बान जाते है या फिर पुलिस और अधिकारी पर दबाव बनकर अपना काम करवाते है ,इस तरह के वकील(Advocate)से आप को सावधान रहना है |
6-प्रसिद्ध वकील(Famous Advocate)- अगर किसी वक़ील(Advocate) का नाम है तो कोशिश करे की आप उनको अपना केस दे अगर आप को किसी भी वकील(Advocate) के बारे में कोई भी जानकारी नहीं है | इस का फ़ायदा ये होगा कि आप को पहले से पता होगा कि वकील(advocate) आप के केस की फील्ड में एक्सपर्ट है कि नहीं ,लेकिन इस मामले में ये देखा गया है कि फेमस वक़ील अपने जूनियर को केस की सुनवाई के लिए खड़ा कर दते है अगर उनकी नज़र में आप का केस ज़रूरी नहीं है |
ये बात आप को पहले ही कह देनी है कि आप का केस वो ख़ुद देखेगे ,तब ही आप अपना केस उनको दीजिए |
7- जानकारो के द्वारा (Advise By known Person)- अगर आप अपने केस के लिये किसी जानकार के ज़रिए वकील(Advocate) चुनते हैं तो आप को उनके बारे में सारी जानकारी हो जाएगी ,वो आप का केस अच्छे से देखेगे ,आप की फ़ीस भी कुछ कम लगेगी ,आप का केस लंबा चलने की उम्मीद कम रहेगी |
8-कोर्ट में मुलाक़ात(meeting in court)- अगर आप अपने केस के लिये किसी वकील(Advocate) से मिलने जा रहे है तो कोशिश करे कि आप उनसे बाहर के चैम्बर में ना मिल करके ,उनका चैम्बर जो की कोर्ट के अंदर है ,वहाँ पर मुलाक़ात करे ,जिससे की आप को पता लग जायेगा की उनके पास कितने जूनियर और मुंसी है | उनके रोज़ कितने केस लगते है |
अगर आप को उनको बहस करते हुए देखने का मौक़ा मिल जाये तो और भी अच्छा है जिससे की आप को पता लग जाएगा कि उनके बहस का तरीक़ा कैसा है ,वो फैक्ट्स को कितने अच्छे से जज के सामने रख रहे है ,केस को जीतने की कोशिश कितनी कर रहे है |
9-दलालों से सावधान(Beware of Brokers)- आप ने देख होगा कि बहुत से लोगो का कोर्ट में आना जाना लगा रहता है ,इनका काम केवल कमीशन लेना होता है जो इनको जितना ज़्यादा कमीशन देगा ,ये उनका ही नाम बताएँगे , भले वकील(Advocate) को कुछ ना आता हो| अगर आप इन लोगो के पास जाएँगे तो ये आप को एक अच्छा वकील(Advocate) बताये इसकी गुंजाइश काम है ,तो अगर आप को अपने केस में अच्छा परिणाम चाहिए तो इन जैसे लोगो से सावधान रहे है |
10- पुराने क्लाइंट्स(Old Clients)- जिस वक़ील(Advocate) को आप अपना केस देने जा रहे है ,अगर आप को उनका कोई पुराना क्लाइंट मिल जाता है तो इससे अच्छा आप के लिये कुछ भी नहीं होगा क्योंकि उनसे आप इनके बारे में सब कुछ जान पायेंगे कि ये आप का केस अच्छे से कर पायेंगे कि नहीं क्या इनको इस फील्ड में नॉलेज है |
सुमित कुमार एक अनुभवी क़ानूनी पेशेवर वकील है ,जिनका मुख्य उद्देश क़ानून की जटिलताओं को आसान भाषा में बताना है | क्रिमिनल और सिविल क़ानून के क्षेत्र में 5 वर्षों से अधिक के अनुभव के साथ,इस क्षेत्र में अपने काम के मध्यम से व्यापक रूप में योगदान दिया है |